दिल में कुछ अरमान जगे आँखों में नज़ारे हैं,
गर्दिश में सितारे हैं पर आशिक़ हम तुम्हारे हैं,
नींदों ने हड़ताल करी और यादों का हंगामा है,
जगी हुई हैं आँखें पर इनमें ख्वाब तुम्हारे हैं।
दिल में कुछ अरमान जगे आँखों में नज़ारे हैं,
गर्दिश में सितारे हैं पर आशिक़ हम तुम्हारे हैं,
नींदों ने हड़ताल करी और यादों का हंगामा है,
जगी हुई हैं आँखें पर इनमें ख्वाब तुम्हारे हैं।