Agar Tum Na Hote, तो शायरी और मोहब्बत की वो दुनिया अधूरी रह जाती। इस शायरी में उसी एहसास को बखूबी पेश किया गया है जो दिल से निकलता है।
अगर तुम न होते तो ग़ज़ल कौन कहता,
तुम्हारे चेहरे को कमल कौन कहता।
यह तो करिश्मा है मोहब्बत का,
वरना पत्थर को ताजमहल कौन कहता।
अर्थ और महत्त्व – Agar Tum Na Hote
अगर आप साथ नहीं होते, तो शायद ये खूबसूरती और मोहब्बत जैसी बातें भी न होतीं। इस शायरी में इश्क़ के उस जादू को बताया गया है जो हर ज़िंदगी को रंगीन बना देता है।
मोहब्बत की गहराई और शायरी में उसका असर
शायरी, खासकर ग़ज़ल, दिल के भावों को छू जाती है। शायरी यह दर्शाती है कि कैसे एक व्यक्ति की मौजूदगी से हर चीज़ का मतलब बदल जाता है। यह प्यार की ताकत है जो पत्थर को भी ताजमहल बना देती है।