Mehfil Ajeeb Hai Na – इस शायरी में वो गहराई है जो हर दिल की कहानी कह देती है। यह पंक्तियाँ सिर्फ शब्द नहीं, बल्कि उन भावनाओं का आइना हैं जिन्हें हम अक्सर महसूस तो करते हैं लेकिन कह नहीं पाते।
महफिल अजीब है, ना ये मंजर अजीब है,
जो उसने चलाया वो खंजर अजीब है,
ना डूबने देता है, ना उबरने देता है,
उसकी आँखों का वो समंदर अजीब है।
यह शायरी उन लोगों के लिए है जो प्यार में डूब चुके हैं या किसी की याद में खोए रहते हैं। जब हम किसी की आंखों में खुद को देख लेते हैं, तो उनका समंदर हमें डुबोने और उबारने दोनों में सक्षम हो जाता है।
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