Mohabbat To Sirf Ek Ittefaq Hai

Mohabbat To Sirf Ek Ittefaq Hai

मोहब्बत तो सिर्फ एक इत्तेफाक है,
ये तो दो दिलों की मुलाकात है,
मोहब्बत ये नहीं देखती कि दिन है या रात है,
इसमें तो सिर्फ वफादारी और जज़्बात है। ?